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🌿 सोशल मीडिया के दौर में... बचपन की मासूमियत पर... ज़वानी सवार होती जा रहीं हैं ! शर्म और लाज जैसे एहसास... धुंधले होते जा रहे हैं ! आजकल खुलेआम आज़ादी और दिखावें का दौर चल रहा है। ® सोचनें वालीं बात है... हम किस और अग्रसर हो रहे हैं। ** स्वरचित💯...अनसुने लम्हे🤞...By Rahul Saini🙂... #sahitya_shabdkosh✍️ #Writer_rahul✍️ #✍️ साहित्य एवं शायरी #🙄फैक्ट्स✍ #📗प्रेरक पुस्तकें📘
sahitya_shabdkosh✍️ - सोशल मीडिया के दौर में मासूमियत पर.. बचपन की ज़वानी सवार होती जा रहीं हैं ! शर्म और लाज जैसे एहसास.. धुंधले होते जा रहे हैं ! खुलेआम आज़ादी आजकल और दिखावें का दौर चल रहा है। সীবন বালী নান ই हम किस और अग्रसर हो रहे हैं। 6 Rahul Saini Writer Sahitya_shabdkosh जीवन दृष्टि |l कलयुगी ज्ञान ।l तर्क |l समझदारी hul Rahul Saini सोशल मीडिया के दौर में मासूमियत पर.. बचपन की ज़वानी सवार होती जा रहीं हैं ! शर्म और लाज जैसे एहसास.. धुंधले होते जा रहे हैं ! खुलेआम आज़ादी आजकल और दिखावें का दौर चल रहा है। সীবন বালী নান ই हम किस और अग्रसर हो रहे हैं। 6 Rahul Saini Writer Sahitya_shabdkosh जीवन दृष्टि |l कलयुगी ज्ञान ।l तर्क |l समझदारी hul Rahul Saini - ShareChat

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