🌿 सोशल मीडिया के दौर में...
बचपन की मासूमियत पर... ज़वानी सवार होती जा रहीं हैं !
शर्म और लाज जैसे एहसास... धुंधले होते जा रहे हैं !
आजकल खुलेआम आज़ादी और दिखावें का दौर चल रहा है।
® सोचनें वालीं बात है... हम किस और अग्रसर हो रहे हैं।
** स्वरचित💯...अनसुने लम्हे🤞...By Rahul Saini🙂...
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