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POST MAN - [निर्वासन के दिनों में एक छोटे द्वीप पर नेरूदा के साथी के लिए] अपने कमरे में लेटा पोस्टमैन है जो नेरूदा को पहुँचाता था डाक हालाँकि उन्हें गए अरसा बीत गया जैसे आवाज़ करती है सुने जाने का इंतज़ार और भटकती है हवा में अनंतकाल तक जैसे दृश्य से जुड़ा होता है दृष्टि का इंतज़ार घर से निकली बेटी का माँ करती है जैसे वैसी ही बेचैनी जिसे वह सर्द रात में ओढ़ लेता है और तपते दिन में झल लेता है क्या सोचा होगा महाकवि ने पोस्टमैन ने की होगी जिद जब कि लिख दें वह उसकी प्रेमिका के लिए एक कविता जिसे वह कहेगा अपनी कि आपके पास इतनी महिलाओं की चिट्ठी आती है कि मेरा भी मन करता है कवि बन जाऊँ नेरूदा के भीतर जागा होगा पिता साँसों से दुलारा होगा उसे और उंगली थमा ले गए होंगे समंदर तक उसे बताया होगा कि सपनों को सपनों की तरह Hரப= [निर्वासन के दिनों में एक छोटे द्वीप पर नेरूदा के साथी के लिए] अपने कमरे में लेटा पोस्टमैन है जो नेरूदा को पहुँचाता था डाक हालाँकि उन्हें गए अरसा बीत गया जैसे आवाज़ करती है सुने जाने का इंतज़ार और भटकती है हवा में अनंतकाल तक जैसे दृश्य से जुड़ा होता है दृष्टि का इंतज़ार घर से निकली बेटी का माँ करती है जैसे वैसी ही बेचैनी जिसे वह सर्द रात में ओढ़ लेता है और तपते दिन में झल लेता है क्या सोचा होगा महाकवि ने पोस्टमैन ने की होगी जिद जब कि लिख दें वह उसकी प्रेमिका के लिए एक कविता जिसे वह कहेगा अपनी कि आपके पास इतनी महिलाओं की चिट्ठी आती है कि मेरा भी मन करता है कवि बन जाऊँ नेरूदा के भीतर जागा होगा पिता साँसों से दुलारा होगा उसे और उंगली थमा ले गए होंगे समंदर तक उसे बताया होगा कि सपनों को सपनों की तरह Hரப= - ShareChat

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