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#गुलज़ार साहब #गुलज़ार साहब के शायरी #गुलज़ार साहब 📝 #📖 कविता और कोट्स✒️
गुलज़ार साहब - गुलजार Saab के नगमें पानी से तस्वीर कहा बनती है, ख्वाबों से तकदीर कहा बनती है किसी भी रिश्ते को सच्चे दिल से निभाओ, ये जिंदगी फिर वापस कहा मिलती है | कौन किस से चाहकर दूर होता है, हर कोई अपने हालातों से मजबूर होता है, हम तो बस इतना जानते है, हर रिश्ता "मोती"और हर दोस्त "कोहिनूर" होता है। गुलजार Saab के नगमें पानी से तस्वीर कहा बनती है, ख्वाबों से तकदीर कहा बनती है किसी भी रिश्ते को सच्चे दिल से निभाओ, ये जिंदगी फिर वापस कहा मिलती है | कौन किस से चाहकर दूर होता है, हर कोई अपने हालातों से मजबूर होता है, हम तो बस इतना जानते है, हर रिश्ता "मोती"और हर दोस्त "कोहिनूर" होता है। - ShareChat

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