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#✒ गुलज़ार की शायरी 🖤
✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 - 9 जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया, जो खो गया मैं उस को भुलाता चला गया..!! 9 जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया, जो खो गया मैं उस को भुलाता चला गया..!! - ShareChat

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