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#दर्द भरी शायरी
दर्द भरी शायरी - देखना चाहे नजरे d4 ती आँखों का क्या कसूर 3114| तुम्हारी हरपल याद तो साँसों कक्या कसूर बैसे ता सपने पुछकर नहीं आते पर सपने तेरेही आये तो हमारा क्या कसूर देखना चाहे नजरे d4 ती आँखों का क्या कसूर 3114| तुम्हारी हरपल याद तो साँसों कक्या कसूर बैसे ता सपने पुछकर नहीं आते पर सपने तेरेही आये तो हमारा क्या कसूर - ShareChat

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