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#गुलज़ार शायरी
गुलज़ार शायरी - मैं तो इस वास्ते चुप हूं कि तमाशा न बने और तू समझता है मुझे गिला कुछ भी नहीं ! dnt S K Shayari मैं तो इस वास्ते चुप हूं कि तमाशा न बने और तू समझता है मुझे गिला कुछ भी नहीं ! dnt S K Shayari - ShareChat

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