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सबद मलूक दास #संतो की रचनायें
संतो की रचनायें - qG" बंदे दुनिया को दीन गंवाया| सो दुनिया तेरे संग न लागी , मूड़ GIuITq శGTuTII क़मर जो लोगा बदी ख़लक़ की, किन फर्माया | तुझको गुनहगार तू हुआ सरासर, दोज़ख़ बांध चलाया।| कीन्हा, ख़ाक सेती जिन पैदा 4 साहेब बिसराया। मोहकम मार पड़ी गुरजन की, तब कछु ज्वाब न आया।। किसहूँ ` को दोष न दीजै, गंदा 31q अमल कमाया। कह मलूक जस ख़िदमत पहुँचा , सोई नतीजा पाया।। (मलूकदास) Motivational Videos App Want qG" बंदे दुनिया को दीन गंवाया| सो दुनिया तेरे संग न लागी , मूड़ GIuITq శGTuTII क़मर जो लोगा बदी ख़लक़ की, किन फर्माया | तुझको गुनहगार तू हुआ सरासर, दोज़ख़ बांध चलाया।| कीन्हा, ख़ाक सेती जिन पैदा 4 साहेब बिसराया। मोहकम मार पड़ी गुरजन की, तब कछु ज्वाब न आया।। किसहूँ ` को दोष न दीजै, गंदा 31q अमल कमाया। कह मलूक जस ख़िदमत पहुँचा , सोई नतीजा पाया।। (मलूकदास) Motivational Videos App Want - ShareChat

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