भाई दयाला जी, भाई मति दास जी और भाई सती दास जी
भाई दयाला जी, भाई मति दास जी, और भाई सती दास जी सिख इतिहास के महान शहीद हैं।
ये तीनों सिख धर्म की रक्षा के लिए 1675 में नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर जी के साथ दिल्ली के चांदनी चौक में शहीद हुए थे।
औरंगजेब के आदेश पर, इस्लाम धर्म स्वीकार न करने के कारण उन्हें अत्यंत क्रूर तरीके से शहीद किया गया था:
भाई मति दास जी: उन्हें आरे (saw) से दो भागों में चीर दिया गया था।
भाई दयाला जी: उन्हें उबलते हुए पानी के बड़े कड़ाहे (cauldron) में उबालकर शहीद किया गया था।
भाई सती दास जी: उन्हें रुई में लपेटकर ज़िंदा जला दिया गया था।
इन तीनों शहीदों ने गुरु तेग बहादुर जी के सामने अपनी शहादत दी, जो अंततः खुद भी शहीद हुए। उनका बलिदान धर्म की स्वतंत्रता और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए अटूट साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
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