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#✍️ साहित्य एवं शायरी #✍️ अनसुनी शायरी #💞Heart touching शायरी✍️
✍️ साहित्य एवं शायरी - प्रेम तुम्हें चाहना मेरी नियति थी, पाना मेरा सौभाग्य तुम्हें और फिर तुम्हें जाने देना मेरे जीवन की वो पीड़ा है जिसे स्वीकारने में मेरा समस्त जीवन निकल जायेगा...!! प्रेम तुम्हें चाहना मेरी नियति थी, पाना मेरा सौभाग्य तुम्हें और फिर तुम्हें जाने देना मेरे जीवन की वो पीड़ा है जिसे स्वीकारने में मेरा समस्त जीवन निकल जायेगा...!! - ShareChat

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