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#✒ गुलज़ार की शायरी 🖤
✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 - पलकों की हद को तोड़कर दामन पे आ गिरा...!! एक अश्क मेरे सब्र की तौहीन कर गया...!!! अल्फ़ाज़ कलम से पलकों की हद को तोड़कर दामन पे आ गिरा...!! एक अश्क मेरे सब्र की तौहीन कर गया...!!! अल्फ़ाज़ कलम से - ShareChat

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