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#GodMorningTuesday कबीर करें बुराई सुख चाहे कैसे पावे कोय। रोपै पेड़ बबूल का आम कहां से होय। कबीर साहेब जी कहते हैं बुरा काम करके सुख चाहे यह बिल्कुल निरर्थक है। जिस प्रकार से बबुल का बीज बोकर आम का पेड़ नहीं उगाया जा सकता। #🙏गुरु महिमा😇
🙏गुरु महिमा😇 - कबीर बुराई सुख चहै, कैसे पावै कोय। कर रोपै पेड़ बबूल का, आम कहां ते होय।। कबीर साहेब जी कहते हैं कि बुरा काम करके सुख की चाह करना , बिल्कुल निरर्थक है । बबूल का वृक्ष लगाकर , उस पर आम जैसा मीठा फल कैसे मिल सकता है ? ज मतगुल तत्वदशी {IK 181{1>/ SatlokAshramMundkaofficial SatlokAshramMundka SADelhiMundka कबीर बुराई सुख चहै, कैसे पावै कोय। कर रोपै पेड़ बबूल का, आम कहां ते होय।। कबीर साहेब जी कहते हैं कि बुरा काम करके सुख की चाह करना , बिल्कुल निरर्थक है । बबूल का वृक्ष लगाकर , उस पर आम जैसा मीठा फल कैसे मिल सकता है ? ज मतगुल तत्वदशी {IK 181{1>/ SatlokAshramMundkaofficial SatlokAshramMundka SADelhiMundka - ShareChat

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