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#बचपन की कविताओं की यादें ताजा हो गई #🌸 सत्य वचन #☝ मेरे विचार #☝अनमोल ज्ञान
बचपन की कविताओं की यादें ताजा हो गई - मत गिवाओ সুম্নী मैं हूँ वृक्ष मुझे मत काटो 6ು  काट काट कर मुझे न बाँटो, पक्षी मेरी डाल पर बैठे দ चूँ-चूँ चीं-चीं करते रहते, हर टहनी पर घर बनाएँ मेरे फूल और फल भी खाएँ बेघर उनको मत बनाओ ~N ؟ 7 चुराओ। उनका खाना मत हवा और छाया देता तुम्हें ~ प्रदूषण को मैं ले लेता।  फिर भी मुझे गिराओगे तो यह सब कुछ कैसे पाओगे ? मत गिवाओ সুম্নী मैं हूँ वृक्ष मुझे मत काटो 6ು  काट काट कर मुझे न बाँटो, पक्षी मेरी डाल पर बैठे দ चूँ-चूँ चीं-चीं करते रहते, हर टहनी पर घर बनाएँ मेरे फूल और फल भी खाएँ बेघर उनको मत बनाओ ~N ؟ 7 चुराओ। उनका खाना मत हवा और छाया देता तुम्हें ~ प्रदूषण को मैं ले लेता।  फिर भी मुझे गिराओगे तो यह सब कुछ कैसे पाओगे ? - ShareChat

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