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#☝ मेरे विचार #💥शेयरचैट स्पेशल फीचर्स जगन्नाथ कथा
☝ मेरे विचार - "जगन्नाथजी का रहस्य" मन्दिर से जुडी एक बेहद  जगन्नाथ कहानी qafea 8 பச रहस्यमय में मौजूद  अनुसार मन्दिर भगवान जगनाथ की मूर्ति के भीतर स्वयं ब्रह्मा विराजमान है।  ब्रह्मा कृष्ण के नश्वर शरीर में विराजमान थे ক্রী সূন্ত हुई तब पाण्डवों ने 3iR தன उनके शरीर का दाह संस्कार గా Tu लेकिन कृष्ण का दिल (पिण्ड) जलता ही आदेशानुसार पिण्ड को रहा। भगवान के पाण्डवों ने जल में प्रवाहित कर दिया। उस पिण्ड ने लठ्ठे का रूप ले लिया। राजा इन्द्रदुम्न जो कि भगवान जगन्नाथ के भक्त थे, को यह  लठ्ठा मिला और उन्होंने इसे जगन्नाथ की मूर्ति के भीतर स्थापित कर दिया। उस दिन से लेकर अण त४ः वह लठ्ठा भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के अन्दर हे। हर १२ वर्ष के अन्तराल के बाद जगन्नाथ की मूर्ति  मे रहता  है। इस लकड़ी के लठ्ठे को  बदलती है लेकिन यह लठ्ठा उसी जो इस मूर्ति को आज तक किसी ने नहीं देखा। मन्दिर के gulr' बदलते है उनका कहना है कि उनकी आँखों पर पट्टी बाँध दी जाती  हे ओर हाथ पर कपडा ढक दिया जाता हे। इसलिए वे न तो लठ्ठे को और न ही छू कर महसूस कर पाए है। पुजारियों के अनुसार  देख पाए वह लठ्ठा इतना सॉफ्ट होता है मानो कोई खरगोश उनके हार्थों में हो। का ऐसा मानना हे कि अगर कोई व्यक्ति इस मूर्ति के भीतर  पुजारियों " छिपे ब्रह्मा को देख लेगा तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। इसी वजह से  जिस दिन जगन्नाथ की मूर्ति बदली जाती है॰ उड़ीसा सरकार द्वारा पूरे  शहर की बिजली बाधित कर दी जाती है। आज तक एक रहस्य ही है  की मूर्ति मे ब्रह्मा का वास हे।  ಹ वाकई भगवान जगन्नाथ क्या श्रीजगन्नाथ भगवान   "जगन्नाथजी का रहस्य" मन्दिर से जुडी एक बेहद  जगन्नाथ कहानी qafea 8 பச रहस्यमय में मौजूद  अनुसार मन्दिर भगवान जगनाथ की मूर्ति के भीतर स्वयं ब्रह्मा विराजमान है।  ब्रह्मा कृष्ण के नश्वर शरीर में विराजमान थे ক্রী সূন্ত हुई तब पाण्डवों ने 3iR தன उनके शरीर का दाह संस्कार గా Tu लेकिन कृष्ण का दिल (पिण्ड) जलता ही आदेशानुसार पिण्ड को रहा। भगवान के पाण्डवों ने जल में प्रवाहित कर दिया। उस पिण्ड ने लठ्ठे का रूप ले लिया। राजा इन्द्रदुम्न जो कि भगवान जगन्नाथ के भक्त थे, को यह  लठ्ठा मिला और उन्होंने इसे जगन्नाथ की मूर्ति के भीतर स्थापित कर दिया। उस दिन से लेकर अण त४ः वह लठ्ठा भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के अन्दर हे। हर १२ वर्ष के अन्तराल के बाद जगन्नाथ की मूर्ति  मे रहता  है। इस लकड़ी के लठ्ठे को  बदलती है लेकिन यह लठ्ठा उसी जो इस मूर्ति को आज तक किसी ने नहीं देखा। मन्दिर के gulr' बदलते है उनका कहना है कि उनकी आँखों पर पट्टी बाँध दी जाती  हे ओर हाथ पर कपडा ढक दिया जाता हे। इसलिए वे न तो लठ्ठे को और न ही छू कर महसूस कर पाए है। पुजारियों के अनुसार  देख पाए वह लठ्ठा इतना सॉफ्ट होता है मानो कोई खरगोश उनके हार्थों में हो। का ऐसा मानना हे कि अगर कोई व्यक्ति इस मूर्ति के भीतर  पुजारियों " छिपे ब्रह्मा को देख लेगा तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। इसी वजह से  जिस दिन जगन्नाथ की मूर्ति बदली जाती है॰ उड़ीसा सरकार द्वारा पूरे  शहर की बिजली बाधित कर दी जाती है। आज तक एक रहस्य ही है  की मूर्ति मे ब्रह्मा का वास हे।  ಹ वाकई भगवान जगन्नाथ क्या श्रीजगन्नाथ भगवान - ShareChat

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