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#Miss You 🙆 क्या हुआ जो उम्र ढल रही है, धड़कनों में अब भी हलचल रही है। ढलती उम्र में महबूब कातिल हुआ, उसकी बातों में नमी पहले से अधिक रही है। अब न ज़ुल्फ़ों का जादू, न आँखों का खेल, फिर भी उसकी मुस्कान में जान रही है। वक़्त ने रुख़ बदला, रंग नहीं बदले, मोहब्बत अब भी पहली मुलाक़ात सी ताज़ा रही है। दिल ये चाहे कोई उसे प्यार से सताए, क्योंकि ढलती उम्र में भी दिल जवाँ रही है।

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