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#sachi baate
sachi baate - डिप्रेशन क्यों??? श्रीकृष्ण से कितना कुछ छूटा! पहले माँ छूटी, फिर पिता छूटे! फिर जो नंद-यशोदा मिले, वे भी छूटे। संगी -साथी छूटे, राधा भी छूटीं| শীক্কল छूटा, फिर मथुरा छूटी। श्रीकृष्ण से जीवन भर कुछ न कुछ छूटता ही रहा!  नहीं छूटा तो देवत्व, मुस्कान और सकारात्मकता । সীকৃষ্যা  दुःख नहीं , उत्सव के प्रतीक हैं। सब कुछ पर भी कैसे खुश रहा जा सकता है, यह छूटने 'श्री कृष्ण से अच्छा कोई नहीं सिखा सकता! मुस्कुराते रहें।  इसलिए हमेशा रवुश रहें सदा ` रश्तोंकी बगिया डिप्रेशन क्यों??? श्रीकृष्ण से कितना कुछ छूटा! पहले माँ छूटी, फिर पिता छूटे! फिर जो नंद-यशोदा मिले, वे भी छूटे। संगी -साथी छूटे, राधा भी छूटीं| শীক্কল छूटा, फिर मथुरा छूटी। श्रीकृष्ण से जीवन भर कुछ न कुछ छूटता ही रहा!  नहीं छूटा तो देवत्व, मुस्कान और सकारात्मकता । সীকৃষ্যা  दुःख नहीं , उत्सव के प्रतीक हैं। सब कुछ पर भी कैसे खुश रहा जा सकता है, यह छूटने 'श्री कृष्ण से अच्छा कोई नहीं सिखा सकता! मुस्कुराते रहें।  इसलिए हमेशा रवुश रहें सदा ` रश्तोंकी बगिया - ShareChat

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