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#✍🏽 माझ्या लेखणीतून
✍🏽 माझ्या लेखणीतून - भारत का नया गीत *आओ यर्प्वों तुम्हे दिगार्पे, शैतानी शैतान की।*  न्नेतारओं से पठ्ठुत दुखी 8. जनता एिन्दुस्तान की।।*  "हेयहे नेता शामिल {॰ पोटारलों की पाली मे।* सूटकेश भर के घलते ऐ अपने पर्ली दलाली मे।।*  देश॰धर्म की नर्ही { चिंता, चिन्ता निज सन्तान की।*  नेताओं से पठ्ठत दुखी ऐ॰ जनता हिन्दुस्तान की।।*  *्पोर लुटेरे भी अय देखो, सांसद ओर विपायक {१t *सुरा सुन्दरी के प्रेमी ये, सपमुच के खलनापक #।l*  भिगमंर्गों मे गिनती कर दी॰ भारत देश महान की।* नेतार्ओं से पात दुखी ऐ॰ जनता हिन्दुस्तान की।।*  ग्जनता के आर्वटित धन को॰ आपा मस्री खाते ऐ१*  ्याकी में अफसर ठेकेदार, मिलकर मोज उठाते {l१* ग्लूट खसोट मचा रखी ऐ, सरकारी अनुदान की।* नेताओं से पठत दुळी ऐ, जनता हिन्दुस्तान की।।* *्पर्ा क्लास अफसर यन जाता. फर्स्ट क्लास चपरासी : गोणियार यर्च्चों के मन मे॰ णयी आज उदासी ऐlI*  गवार सारे मंघ्री पन गये. मेधावी आज खलासी 8१*  *आओ पर्व्चवों तुरमे दिखार्ये, ४तानी शीतान की।।* नेताओं से पा़्त दुखी ऐ जनता रिन्दस्तान की।* भारत का नया गीत *आओ यर्प्वों तुम्हे दिगार्पे, शैतानी शैतान की।*  न्नेतारओं से पठ्ठुत दुखी 8. जनता एिन्दुस्तान की।।*  "हेयहे नेता शामिल {॰ पोटारलों की पाली मे।* सूटकेश भर के घलते ऐ अपने पर्ली दलाली मे।।*  देश॰धर्म की नर्ही { चिंता, चिन्ता निज सन्तान की।*  नेताओं से पठ्ठत दुखी ऐ॰ जनता हिन्दुस्तान की।।*  *्पोर लुटेरे भी अय देखो, सांसद ओर विपायक {१t *सुरा सुन्दरी के प्रेमी ये, सपमुच के खलनापक #।l*  भिगमंर्गों मे गिनती कर दी॰ भारत देश महान की।* नेतार्ओं से पात दुखी ऐ॰ जनता हिन्दुस्तान की।।*  ग्जनता के आर्वटित धन को॰ आपा मस्री खाते ऐ१*  ्याकी में अफसर ठेकेदार, मिलकर मोज उठाते {l१* ग्लूट खसोट मचा रखी ऐ, सरकारी अनुदान की।* नेताओं से पठत दुळी ऐ, जनता हिन्दुस्तान की।।* *्पर्ा क्लास अफसर यन जाता. फर्स्ट क्लास चपरासी : गोणियार यर्च्चों के मन मे॰ णयी आज उदासी ऐlI*  गवार सारे मंघ्री पन गये. मेधावी आज खलासी 8१*  *आओ पर्व्चवों तुरमे दिखार्ये, ४तानी शीतान की।।* नेताओं से पा़्त दुखी ऐ जनता रिन्दस्तान की।* - ShareChat

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