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#✒ गुलज़ार की शायरी 🖤
✒ गुलज़ार की शायरी 🖤 - जहर का भी अपना हिसाब मरने के लिए थोड़ा सा और जीने के लिए बहत सारा पीना पड़ता हे जहर का भी अपना हिसाब मरने के लिए थोड़ा सा और जीने के लिए बहत सारा पीना पड़ता हे - ShareChat

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