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#✍गुलजारांचे साहित्य
✍गुलजारांचे साहित्य - मुहब्बत लिबास नहीं जो हर रोज बदल जाए मुहब्बत कफन है पहन कर उतारा नहीं जाता 1 -गुलज़ार मुहब्बत लिबास नहीं जो हर रोज बदल जाए मुहब्बत कफन है पहन कर उतारा नहीं जाता 1 -गुलज़ार - ShareChat

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