ShareChat
click to see wallet page
#शिवभक्ति #🕉🔱शिवभक्ति🔱🕉 #शिवभक्ति🙏 #शिव भक्ति #जय शिव जी की भक्त हु आपकी 🔱🔱🙏🙏
शिवभक्ति - हर हर महादेव 30 सर्प साँप सावधानी और सजगता का प्रतीक है।शिव द्वारा सर्प धारण तीसरी आँख करना बताता है कि वे सदैव जागृत और सचेत रहृते हैं। चंद्रमा शिव की तीसरी आँख सावधानी , ज्ञान और बुद्धिमत्ता का प्रतीक है। चंद्रमा मन का कारक है। शिव के मस्तक पर चंद्रमा धारण करना यह संदेश देता है कि मन डमरू को अपने ऊपर हयावी नहीं होने देना चाहिए, क्योंकि मन चंचल ब्रह्मांड का प्रतीक है॰ जो डमरू हयोता है। निरंतर फैलता और सिमटता रहता है।यह ध्वनि और सृष्टि प्रक्रिया का प्रतीक भी है। नंदी (बैल) धर्म का बैल ( नंदी) हमेशा भगवान शिव के साथ रहता है। त्रिशूल शिव की सवारी होने से यह दर्शाता है कि शिव हमेशा धर् तीन मूल ` तिशूल ` गुणों हैं और उसे विभिन्न तम परसवार और सत्त्व সনিনিখিল रूज क आयामों में आगे बढ़ाते है। ~ है।शिव इन्हें अपने वश में करता रखते हैं और यही सृष्टि का सार है। यह सब आभूषण हमें यह सिखाते हैं कि शिव केवल विनाशक ही नहीं , बल्कि संतुलन और ज्ञान के परम स्रोत हैं हर हर महादेव 30 सर्प साँप सावधानी और सजगता का प्रतीक है।शिव द्वारा सर्प धारण तीसरी आँख करना बताता है कि वे सदैव जागृत और सचेत रहृते हैं। चंद्रमा शिव की तीसरी आँख सावधानी , ज्ञान और बुद्धिमत्ता का प्रतीक है। चंद्रमा मन का कारक है। शिव के मस्तक पर चंद्रमा धारण करना यह संदेश देता है कि मन डमरू को अपने ऊपर हयावी नहीं होने देना चाहिए, क्योंकि मन चंचल ब्रह्मांड का प्रतीक है॰ जो डमरू हयोता है। निरंतर फैलता और सिमटता रहता है।यह ध्वनि और सृष्टि प्रक्रिया का प्रतीक भी है। नंदी (बैल) धर्म का बैल ( नंदी) हमेशा भगवान शिव के साथ रहता है। त्रिशूल शिव की सवारी होने से यह दर्शाता है कि शिव हमेशा धर् तीन मूल ` तिशूल ` गुणों हैं और उसे विभिन्न तम परसवार और सत्त्व সনিনিখিল रूज क आयामों में आगे बढ़ाते है। ~ है।शिव इन्हें अपने वश में करता रखते हैं और यही सृष्टि का सार है। यह सब आभूषण हमें यह सिखाते हैं कि शिव केवल विनाशक ही नहीं , बल्कि संतुलन और ज्ञान के परम स्रोत हैं - ShareChat

More like this