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#जख्मी दिल
जख्मी दिल - कल शीशा था, सब देख ्देख कर जाते थे। आज टूट गया, सब बच-बच कर जाते हैं। ये वक्त है. साहब सबके आते हैं।। दिन कल शीशा था, सब देख ्देख कर जाते थे। आज टूट गया, सब बच-बच कर जाते हैं। ये वक्त है. साहब सबके आते हैं।। दिन - ShareChat

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