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#jay mata di
jay mata di - कालरात्रि माता की आरती कालरात्रि जय जय महाकाली  काल के मुह से वचानेवाली।  ৫E মঘাকে নাস বুদ্ধায়I महाचंडी तेरा अवतारा।  ओर आकाश पे सारा। पृथ्वी  महाकाली ह तेरा पसारा। खडग खप्पर रखनेवाली। दुष्टों का लहू चखनेवाली।।  कलकत्ता स्थान तुम्हारा। देखू तेरा नजारा।।  56 सभी देवता सव नरनारी।  गार्वे स्तुति सभी तुम्हारी।  সন্নসুতা|  रकतदता ओर कृपा करे तो कोई भी दुख ना। ना कोई चिता रहे वीमारी। ना कोई गम ना सकट भारी। उस पर कभी कप्ट ना आवे। সমাকালী সাঁ নিম ননানIl तूभी भक्त प्रेम से कह।  कालरात्रि मा तेरी जय। Shri dharm ganga कालरात्रि माता की आरती कालरात्रि जय जय महाकाली  काल के मुह से वचानेवाली।  ৫E মঘাকে নাস বুদ্ধায়I महाचंडी तेरा अवतारा।  ओर आकाश पे सारा। पृथ्वी  महाकाली ह तेरा पसारा। खडग खप्पर रखनेवाली। दुष्टों का लहू चखनेवाली।।  कलकत्ता स्थान तुम्हारा। देखू तेरा नजारा।।  56 सभी देवता सव नरनारी।  गार्वे स्तुति सभी तुम्हारी।  সন্নসুতা|  रकतदता ओर कृपा करे तो कोई भी दुख ना। ना कोई चिता रहे वीमारी। ना कोई गम ना सकट भारी। उस पर कभी कप्ट ना आवे। সমাকালী সাঁ নিম ননানIl तूभी भक्त प्रेम से कह।  कालरात्रि मा तेरी जय। Shri dharm ganga - ShareChat

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