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#गीताजी_का_ज्ञान_किसने_बोला पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते समय अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘ जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
गीताजी_का_ज्ञान_किसने_बोला - गीता ಹr (([ किशने बोला ? काल भगवान जो इक्कीस ब्रह्मण्ड का प्रभु अध्याय ११ का श्वोक ३२ की है कि मैं स्थूल शरीर है॰ उसने प्रतिज्ञा में व्यक्त(मानव सदृश अपने वास्तविक) रूप में सबके सामने नहीं आऊँगा| उसी ने सूक्ष्म शरीर बना कर प्रेत की तरह श्री कालः अस्नि लौकक्षयकृत प्रवृद् , लौकान समाहतुम डह, प्रवृत्तः ऋतै, अपि त्वाम न भविष्यच्ति सर्वै, ये अचस्थिताः , प्रत्यनीकैपु यौधाः] १२२१ ] कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके पवित्र गीता जी का ज्ञान तो सहीवेदों का सार) भगवान उवाच  परन्तु युद्घ करवाने के लिए भी कहा अटकल बाजी में कसर नहीं छोड़़ी | अनवादः (लोकक्षयकृत ) लोकों का नाश करने  ताला ( प्रवृद्धः ) वढा हुआ ( कालः ) काल (अस्मि ) हू। जगतगु२ तत्वदर्शी (इह ) इस समय ( लोकान ) इन लोकों को शंत शमपाल जी महाशज (समाहर्तुम ) नष्ट करने के लिये (प्रवृत्तः ) हुआ हू इसलिये (ये) जो (प्रत्यनीकेषु) JOC प्रतिपक्षियों की सेना मे ( अवस्थिताः ) स्थित ( योधाः ) योद्धा लोग हें॰ (ते) वे (सर्वे ) सव (त्वाम ) संत रामपाल जी महाराज जी से a 32 (70) (अपि) भी (न ) नही च निःशुल्क ಗ:ಶಿ@ THaET ' (भविष्यन्ति ) रहेंगे अर्थात तेरे यद्ध पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : +917496801823 करने से भी इन सबका नाश हो जायेगा। ( ३२ ) SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl X @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ गीता ಹr (([ किशने बोला ? काल भगवान जो इक्कीस ब्रह्मण्ड का प्रभु अध्याय ११ का श्वोक ३२ की है कि मैं स्थूल शरीर है॰ उसने प्रतिज्ञा में व्यक्त(मानव सदृश अपने वास्तविक) रूप में सबके सामने नहीं आऊँगा| उसी ने सूक्ष्म शरीर बना कर प्रेत की तरह श्री कालः अस्नि लौकक्षयकृत प्रवृद् , लौकान समाहतुम डह, प्रवृत्तः ऋतै, अपि त्वाम न भविष्यच्ति सर्वै, ये अचस्थिताः , प्रत्यनीकैपु यौधाः] १२२१ ] कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश करके पवित्र गीता जी का ज्ञान तो सहीवेदों का सार) भगवान उवाच  परन्तु युद्घ करवाने के लिए भी कहा अटकल बाजी में कसर नहीं छोड़़ी | अनवादः (लोकक्षयकृत ) लोकों का नाश करने  ताला ( प्रवृद्धः ) वढा हुआ ( कालः ) काल (अस्मि ) हू। जगतगु२ तत्वदर्शी (इह ) इस समय ( लोकान ) इन लोकों को शंत शमपाल जी महाशज (समाहर्तुम ) नष्ट करने के लिये (प्रवृत्तः ) हुआ हू इसलिये (ये) जो (प्रत्यनीकेषु) JOC प्रतिपक्षियों की सेना मे ( अवस्थिताः ) स्थित ( योधाः ) योद्धा लोग हें॰ (ते) वे (सर्वे ) सव (त्वाम ) संत रामपाल जी महाराज जी से a 32 (70) (अपि) भी (न ) नही च निःशुल्क ಗ:ಶಿ@ THaET ' (भविष्यन्ति ) रहेंगे अर्थात तेरे यद्ध पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : +917496801823 करने से भी इन सबका नाश हो जायेगा। ( ३२ ) SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl X @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGODORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat

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