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#✍️ अनसुनी शायरी
✍️ अनसुनी शायरी - 99 दीपक को घी तब तक चाहिए जब वो जल रहा हो, के बाद घी डालना बुझने व्यर्थ है.... उसी प्रकार इंसान की कद्र समय रहते कर लीजिए वक्त जाने पर अफसोस करना व्यर्थ है.!! সত ক্রা নিথা২ 99 दीपक को घी तब तक चाहिए जब वो जल रहा हो, के बाद घी डालना बुझने व्यर्थ है.... उसी प्रकार इंसान की कद्र समय रहते कर लीजिए वक्त जाने पर अफसोस करना व्यर्थ है.!! সত ক্রা নিথা২ - ShareChat

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