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#Piche
Piche - गुमनामियों मे रहना, नहीं है कबूल मुझको चलना नहीं गवारा, बस साया बनके पीछे.. वो दिल मे ही छिपा है, सब जानते हैं लेकिन क्यूं भागते फ़िरते हैं, दायरोन्हरम के पीछे.. अब " दोस्त" मैं कहूं या, उनको कहूं मैं " दुश्मन " मुस्कुरा रहे हैं खंजर छुपा के अपने पीछे.. GI तुम चांद बनके जानम, इतराओ चाहे जितना परउसको याद रखना , रोेशन हो जिसके पीछे.. वो बदगुमा है खुद कनरसझोलशी का कारण कि मैं चहनचहा रहा हूं अपने ा के पीछे.. इस ज़िन्दगी का मकसद, तब होगा पूरा " नीरज" जब लोग याद करके, मुस्कायेंगे तेरे पीछे.. गुमनामियों मे रहना, नहीं है कबूल मुझको चलना नहीं गवारा, बस साया बनके पीछे.. वो दिल मे ही छिपा है, सब जानते हैं लेकिन क्यूं भागते फ़िरते हैं, दायरोन्हरम के पीछे.. अब " दोस्त" मैं कहूं या, उनको कहूं मैं " दुश्मन " मुस्कुरा रहे हैं खंजर छुपा के अपने पीछे.. GI तुम चांद बनके जानम, इतराओ चाहे जितना परउसको याद रखना , रोेशन हो जिसके पीछे.. वो बदगुमा है खुद कनरसझोलशी का कारण कि मैं चहनचहा रहा हूं अपने ा के पीछे.. इस ज़िन्दगी का मकसद, तब होगा पूरा " नीरज" जब लोग याद करके, मुस्कायेंगे तेरे पीछे.. - ShareChat

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