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##santrampalji maharaj
#santrampalji maharaj - गरीब, अभूमी आदि है, जाका नाहीं अंत। अकल निरगुन  दिलही अंदर देव है , निरमल तंत। | सरलार्थः- जिसका काल न हो), अकल (अविनाशी = ऊपर के चारों लोक जो अमर धरती है, লুমি = वह सनातन है। उसमें निवास करने वाला निर्मल निर्गुण (अव्यक्त) देव ( परमेश्वर ) जो तंत यानि सॅब देवों का सार प्रभु यानि कुल् का मालिक है। वह हमारे दिल में बसा है। SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGOD.ORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ गरीब, अभूमी आदि है, जाका नाहीं अंत। अकल निरगुन  दिलही अंदर देव है , निरमल तंत। | सरलार्थः- जिसका काल न हो), अकल (अविनाशी = ऊपर के चारों लोक जो अमर धरती है, লুমি = वह सनातन है। उसमें निवास करने वाला निर्मल निर्गुण (अव्यक्त) देव ( परमेश्वर ) जो तंत यानि सॅब देवों का सार प्रभु यानि कुल् का मालिक है। वह हमारे दिल में बसा है। SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL JI @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGOD.ORG SAINT RAMPAL JI MAHARAJ - ShareChat

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