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#☝अनमोल ज्ञान #दिल के अल्फाज़
☝अनमोल ज्ञान - अभी अभी कुछ तो शेष है मुझमें < हारा नहीं हूँ मैं! एक दिन चमकना है भी भले मुझको ही तारा नहीं हूँ मैं! भीतर भी प्रवाह रहता है पर जल धारा नहीं हूँ मैं! की मैं किस्मत को दोष नहीं देता क्योंकि नहीं हूँ मैं! किस्मत का मारा मेरे हृदय में भी प्यार पलता है. भले ಕ್ಷಕ! ೩ಣ್ಗ का प्यारा नहीं सबके सामने अक्सर खुश ही नजर आता हूँ पर खुश भी सारा का सारा नहीं हूँ मैं! ! अभी अभी कुछ तो शेष है मुझमें < हारा नहीं हूँ मैं! एक दिन चमकना है भी भले मुझको ही तारा नहीं हूँ मैं! भीतर भी प्रवाह रहता है पर जल धारा नहीं हूँ मैं! की मैं किस्मत को दोष नहीं देता क्योंकि नहीं हूँ मैं! किस्मत का मारा मेरे हृदय में भी प्यार पलता है. भले ಕ್ಷಕ! ೩ಣ್ಗ का प्यारा नहीं सबके सामने अक्सर खुश ही नजर आता हूँ पर खुश भी सारा का सारा नहीं हूँ मैं! ! - ShareChat

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