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#🙂माणुसकीच नात #👍लाईफ कोट्स #🙂Positive Thought
🙂माणुसकीच नात - खुद में ही उलझा हुआ, खुद से ही अनजान हूँ मैं। गलतफ़हमी है लोगों की, बहुत समझदार हूँ मैं। मंज़िल का आता पता नहीं, रास्तों से भटका हुआ हूँ मैं। बहुत सोचते हैं लोग मेरे बारे # सबकी सोच से बाहर हूँ সবা चार दीवारों से है दोस्ती, फिलहाल तो अकेला हूँ मैं। खुद में ही उलझा हुआ, खुद से ही अनजान हूँ मैं। गलतफ़हमी है लोगों की, बहुत समझदार हूँ मैं। मंज़िल का आता पता नहीं, रास्तों से भटका हुआ हूँ मैं। बहुत सोचते हैं लोग मेरे बारे # सबकी सोच से बाहर हूँ সবা चार दीवारों से है दोस्ती, फिलहाल तो अकेला हूँ मैं। - ShareChat

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