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सतभक्ति - गीता सार श्लोक अध्याय I 11 32 अस्मि , लोकक्षयकृत्, प्रवृद्धः, लोकान्, समाहर्तुम्, ক্াল:, इह, प्रवृत्तः | भविष्यन्ति, सर्वे, ये, अवस्थिताः, ऋते , अपि, त्वाम् 7, प्रत्यनीकेषु , योधाः। । जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल  जी अनुवादित महाराज   द्वारा / लोकों नाश   करने der 531 वाला ಹF 81 काल ಕ್ಷಾ इस समय इन लोकों को नष्ट करने के लिये प्रकट हुआ इसलिये जो प्रतिपक्षियों की सेना में स्थित योद्धा எl 8, युद्ध न करने से भी মন্কা নাথা ৪ী আফঠা | इन Sant Rampal Ji Maharaj संत रामपाल जी महाराज जी से App Download कीजिये व निःशुल्क निःशुल्क नामदीक्षा ca" पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : Play +91 7496801823 Google SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGOD ORG MAHARAJ SAINT RAMPAL JI गीता सार श्लोक अध्याय I 11 32 अस्मि , लोकक्षयकृत्, प्रवृद्धः, लोकान्, समाहर्तुम्, ক্াল:, इह, प्रवृत्तः | भविष्यन्ति, सर्वे, ये, अवस्थिताः, ऋते , अपि, त्वाम् 7, प्रत्यनीकेषु , योधाः। । जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल  जी अनुवादित महाराज   द्वारा / लोकों नाश   करने der 531 वाला ಹF 81 काल ಕ್ಷಾ इस समय इन लोकों को नष्ट करने के लिये प्रकट हुआ इसलिये जो प्रतिपक्षियों की सेना में स्थित योद्धा எl 8, युद्ध न करने से भी মন্কা নাথা ৪ী আফঠা | इन Sant Rampal Ji Maharaj संत रामपाल जी महाराज जी से App Download कीजिये व निःशुल्क निःशुल्क नामदीक्षा ca" पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : Play +91 7496801823 Google SPIRITUAL LEADER SANT RAMPAL Jl @SAINTRAMPALJIM SUPREMEGOD ORG MAHARAJ SAINT RAMPAL JI - ShareChat

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