लुटा रहे है पैसा,
लुटा रहे है पैसा,
देश की जनता का कर प्रणाली से मिला हुवा,
जो लगाए लागत,
करे भुगतान कर सेवा देकर हमेशा,
उनको ही रखे वंचित,
मूलभूत राज्य घटना के अधिकार से,
जरूरत मंद को उल्लू बनाते हुवे,
सेवा, सुविधा कार्य से संबंधित,
लुटा रहे हैं पैसा,
अमीरोंका ध्यान रखते हुवे,
जो जी.एस.टी, और अलग कर सेवा में लगा रहे है चुना,
मेलजोल करते हुवे,
धन दौलत लुटाकर,
उनकी इज्जत बेइज्जत होने से बचाते हुवे,
गरीब रहे भूखे, नंगे,
उनका हक अमीरोंको देते कपड़ा, मकान,धन,दौलत ऐश आराम मिलने के लिए।।।
लुट लुट कर की किजोरी साफ,
कर्ज देते, कर्ज माफी करते हुवे,
जुमले पर जुमला देकर चुना लगाकर सरकार का नाम रोशन करते हुवे।।।
अपना साथ सबका विकास।।
बाकी देश की जनता रहे नयनों में सपना अमेरिका विकास कर्ज माफी का ऐसे देखते हुवे...
**स्नेहल एम**
(पत्रकार, लेखक,कवी,शायर, सामाजिक कार्यकर्ता) #✡️सितारों की चाल🌠 #💝 शायराना इश्क़ #💞Heart touching शायरी✍️ #🙏कर्म क्या है❓
