ShareChat
click to see wallet page
#✍️ साहित्य एवं शायरी #📖Whatsapp शायरी #🎙️मशहूर शायरों की शायरी✍️ #✍️ अनसुनी शायरी #बेहतरीन उर्दू शायरी✍️
✍️ साहित्य एवं शायरी - का अंदाज़ तुम्हें तनहा रहने मशरूफ ना करदे ग़ालिब. रिश्ते फुर्सत के नहीं तवज्जो के मोहताज़ होते हैं.....!! का अंदाज़ तुम्हें तनहा रहने मशरूफ ना करदे ग़ालिब. रिश्ते फुर्सत के नहीं तवज्जो के मोहताज़ होते हैं.....!! - ShareChat

More like this