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#पूजन विधि
पूजन विधि - Goddess Katyayani Favourite Flower Red color flowers specially rose Mantra देवी कात्यायन्यै नमः।।  Prarthana चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।  कात्यायनी शुभ दद्याद देवी दानवघातिनी।l  Stut या देवी सर्वभूतेषु मा कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्य नमस्तस्य नमस्तस्य नमो नमः। Dhyana  यन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्थकृतशेखराम।  सिंहारूढा चतुर्भुजा कात्यायनी यशस्विनीम्।  दुर्गा त्रिनेत्राम्। स्वर्णवर्णा आज्ञाचक स्थिताम षष्ठम वराभीत करा पगपदधरा कात्यायनसुता भजामि।।  पटाम्यर परियाना स्मेरमुखी नानालङ्कार भूषिताम्। केपूर मञ्जीर हार किङ्किणि रत्नकुण्डल मण्डिताम्।।  प्रसन्नवदना पल्लवाधरा कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्।  कमनीया लावण्या त्रिवलीविभूषित निम्न नाभिम्।।  Stotra मुकटोज्जवला।  कञ्चनाभा वराभय पदाधरा स्मेरमुखी शिवपत्नी कात्यायनेसुते नमोउस्तुते।।  पटाम्यर परिथाना नानालडकार भूषिताम्। सिंहस्थिताम् पद्महस्ता कात्यायनसुते नमोउस्तुते।।  परमानन्दमयी देवी परब्रह्म परमात्मा।  परमशक्ति, परमभक्ति, कात्यायनसुते नमोउस्तुते।।  विश्वकर्ती विश्वभर्ती, विश्वहर्ती विश्वप्रीता  विश्वाचिन्ता, विश्वातीता कात्यायनसुते नमोउस्तुते।।  कां बीजा, कां जपानन्दका बीज जप तोषिते। का का बीज जपदासक्ताका का सन्तुता। कांकारहर्षिणीका थनदाधनमासना।  মীত का बीज जपकारिणीका तपमानसा। का कारिणी का मन्त्रपूजिताका यीज धारिणी  कां कीं कूंकै कः ठः छः स्वाहारूपिणी। Kavacha कात्यायनौमुख पातु कां स्वाहास्वरूपिणी।  ललाटे विजया पातु मालिनी नित्य सुन्दरी।।  कल्पाणी हृदयम् पातु जया भगमालिनी।l  Goddess Katyayani Favourite Flower Red color flowers specially rose Mantra देवी कात्यायन्यै नमः।।  Prarthana चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।  कात्यायनी शुभ दद्याद देवी दानवघातिनी।l  Stut या देवी सर्वभूतेषु मा कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्य नमस्तस्य नमस्तस्य नमो नमः। Dhyana  यन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्थकृतशेखराम।  सिंहारूढा चतुर्भुजा कात्यायनी यशस्विनीम्।  दुर्गा त्रिनेत्राम्। स्वर्णवर्णा आज्ञाचक स्थिताम षष्ठम वराभीत करा पगपदधरा कात्यायनसुता भजामि।।  पटाम्यर परियाना स्मेरमुखी नानालङ्कार भूषिताम्। केपूर मञ्जीर हार किङ्किणि रत्नकुण्डल मण्डिताम्।।  प्रसन्नवदना पल्लवाधरा कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्।  कमनीया लावण्या त्रिवलीविभूषित निम्न नाभिम्।।  Stotra मुकटोज्जवला।  कञ्चनाभा वराभय पदाधरा स्मेरमुखी शिवपत्नी कात्यायनेसुते नमोउस्तुते।।  पटाम्यर परिथाना नानालडकार भूषिताम्। सिंहस्थिताम् पद्महस्ता कात्यायनसुते नमोउस्तुते।।  परमानन्दमयी देवी परब्रह्म परमात्मा।  परमशक्ति, परमभक्ति, कात्यायनसुते नमोउस्तुते।।  विश्वकर्ती विश्वभर्ती, विश्वहर्ती विश्वप्रीता  विश्वाचिन्ता, विश्वातीता कात्यायनसुते नमोउस्तुते।।  कां बीजा, कां जपानन्दका बीज जप तोषिते। का का बीज जपदासक्ताका का सन्तुता। कांकारहर्षिणीका थनदाधनमासना।  মীত का बीज जपकारिणीका तपमानसा। का कारिणी का मन्त्रपूजिताका यीज धारिणी  कां कीं कूंकै कः ठः छः स्वाहारूपिणी। Kavacha कात्यायनौमुख पातु कां स्वाहास्वरूपिणी।  ललाटे विजया पातु मालिनी नित्य सुन्दरी।।  कल्पाणी हृदयम् पातु जया भगमालिनी।l - ShareChat

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