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#👌 अच्छी सोच👍 #दिल के अल्फाज़
👌 अच्छी सोच👍 - शर्त रखी गई है, बात हुई है सा़फ़ हमें चाहिए बहु, जो घर को जोड़ सके। यानी , मतलब ये है कि रिश्ते हैं बिखरे, घर पहले से ही है, टूटा हुआ।  ये कैसी अपेक्षा है, ये कैसा मज़ाक है? क्या वो दहेज में फेविकोल সাথ? लाएगी क्या उसके हाथों में कोई जादुई ताक़त होगी, जो दरारों को भरेगी , ख़त्म करेगी हर फ़साद? वो लड़की है, कोई राजमिस्त्री तो नहीं, जो ईंट-ईंट जोड़कर एक नई दीवार उठा दे। जिन मनो में मेल नहीं, जहाँ प्यार नहीं बाकी, वहाँ वो अकेली रिश्तों की शुरुआत कैसे करा दे? शर्त रखी गई है, बात हुई है सा़फ़ हमें चाहिए बहु, जो घर को जोड़ सके। यानी , मतलब ये है कि रिश्ते हैं बिखरे, घर पहले से ही है, टूटा हुआ।  ये कैसी अपेक्षा है, ये कैसा मज़ाक है? क्या वो दहेज में फेविकोल সাথ? लाएगी क्या उसके हाथों में कोई जादुई ताक़त होगी, जो दरारों को भरेगी , ख़त्म करेगी हर फ़साद? वो लड़की है, कोई राजमिस्त्री तो नहीं, जो ईंट-ईंट जोड़कर एक नई दीवार उठा दे। जिन मनो में मेल नहीं, जहाँ प्यार नहीं बाकी, वहाँ वो अकेली रिश्तों की शुरुआत कैसे करा दे? - ShareChat

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