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#कहां गए वो लोग #📢13 नवंबर के अपडेट 🗞️ #जयंती #✍मेरे पसंदीदा लेखक #📓 हिंदी साहित्य
कहां गए वो लोग - गजानन माधव 'मुक्तिबोध  जयंती पर सादर प्रणाम  मुक्तिबोध का जन्म १३ नवंबर १९१७ गजानन माधव को मध्य प्रदेश के श्योपुर में हुआ। वो हिंदी साहित्य के एक प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार और उपान्यासकार थे। 'चांद का मुंह टेढ़ा है' , ' अंधेरे में' उनकी कुछ प्रमुख रचनाएं हैं। ११ सितंबर १९६४ को मात्र ४६ साल की उम्र में उनका निधन हा गया। में मशहूर  पेंटर एम.एफ. ওলকী হাণমাসা हुसैन नंगे पैर शामिल हुए थे। मुक्तिबोध को श्रद्धांजली देने के लिए हुसैन ने फिर कभी जूते नहीं पहने। बाद १९६४ में उनकी কিনান पहली मृत्यु के पब्लिश हुई। उनकी रचनाओं पर आधारित फिल्म ' सतह से उठता आदमी ' को १९८१ में कान्स फिल्म फेस्टिवल में काफी सराहा गया था। गजानन माधव 'मुक्तिबोध  जयंती पर सादर प्रणाम  मुक्तिबोध का जन्म १३ नवंबर १९१७ गजानन माधव को मध्य प्रदेश के श्योपुर में हुआ। वो हिंदी साहित्य के एक प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार और उपान्यासकार थे। 'चांद का मुंह टेढ़ा है' , ' अंधेरे में' उनकी कुछ प्रमुख रचनाएं हैं। ११ सितंबर १९६४ को मात्र ४६ साल की उम्र में उनका निधन हा गया। में मशहूर  पेंटर एम.एफ. ওলকী হাণমাসা हुसैन नंगे पैर शामिल हुए थे। मुक्तिबोध को श्रद्धांजली देने के लिए हुसैन ने फिर कभी जूते नहीं पहने। बाद १९६४ में उनकी কিনান पहली मृत्यु के पब्लिश हुई। उनकी रचनाओं पर आधारित फिल्म ' सतह से उठता आदमी ' को १९८१ में कान्स फिल्म फेस्टिवल में काफी सराहा गया था। - ShareChat

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