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#poetry #ishq #MOTIVATIONAL
poetry - सुने कौन क़िस्सा एनदर्द ए-दिल, मेरा ग़म गुसार चला गया जिसे आश्नाओं का पास था, वो वफ़ा शि'आर चला गया वही बज़्म है, वही धूम है, वही ' आशिक़ों का हुजूम है है कमी तो बस मेरे चाँद की जो तह-ए॰्मज़ार चला गया वो गदा ्नवाज़, वो मह-जबीं वो सुख़न ्शनास, वो दूरबीं, वो हसीं, वो बहर ए- उलूम एन्दीं, मेरा ताजदार चला गया कहाँ अब सुख़न में वो गर्मियाँ कि नहीं रहा कोई क़द्र दाँ कहाँ अब वो शौक़ में मस्तियाँ कि वो पुर ्वक़ार चला गया ग़म एनदुरूँ जिसे मैं सुनाता था दर्द-ए-दिल, वो जो पूछता था वो गदान्नवाज़ बिछड़ गया, वो ' अता-शि'आर चला गया बहें क्यूँ, नसीर ! न अश्क ए॰ग़म, रहे क्यूँ न लब पे मेरे फ़ुग़ाँ हमें बेक़रार वो छोड़ कर, सर ए ्रह-्गुज़ार चला गया सुने कौन क़िस्सा एनदर्द ए-दिल, मेरा ग़म गुसार चला गया जिसे आश्नाओं का पास था, वो वफ़ा शि'आर चला गया वही बज़्म है, वही धूम है, वही ' आशिक़ों का हुजूम है है कमी तो बस मेरे चाँद की जो तह-ए॰्मज़ार चला गया वो गदा ्नवाज़, वो मह-जबीं वो सुख़न ्शनास, वो दूरबीं, वो हसीं, वो बहर ए- उलूम एन्दीं, मेरा ताजदार चला गया कहाँ अब सुख़न में वो गर्मियाँ कि नहीं रहा कोई क़द्र दाँ कहाँ अब वो शौक़ में मस्तियाँ कि वो पुर ्वक़ार चला गया ग़म एनदुरूँ जिसे मैं सुनाता था दर्द-ए-दिल, वो जो पूछता था वो गदान्नवाज़ बिछड़ गया, वो ' अता-शि'आर चला गया बहें क्यूँ, नसीर ! न अश्क ए॰ग़म, रहे क्यूँ न लब पे मेरे फ़ुग़ाँ हमें बेक़रार वो छोड़ कर, सर ए ्रह-्गुज़ार चला गया - ShareChat

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