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#बलिदान दिवस #शहीद दिवस #🇮🇳 देशभक्ति #🙏🏻माँ तुझे सलाम #आज जिनकी पुण्यतिथि है
बलिदान दिवस - भारतीय वीरों की शौर्य गाथा प्रयम विश्व पुद्ध की जिसमे अप्रेजो की ओर से जोपपुर रियासत  सेना ने भी हिस्सा लिपा। इतिहास मे इस लड़ाई को हाडफा की लडाई के नाम सेजाना जाता ह।हाइफा की लड़ाई २३ सितवर  इस्राइल के पाठ्यक्रम १९१८ को लड़ी गपी। डस लड़्ाई मै राजपूताने की सेना का नेतृत्व  जोपपुर रिपासत के सेनापति " मेणर सिह न किपा उनका  48 7u7 यह युद्ध जन्म वर्तमान पाली जिले के देवली गोव मे रावणा राजपूत परिवार  मे हुआ था। अग्रेजो ने जोधपुर रिपासत की सेना को हाडफा पर  नोपपुर  करने के आदेश दिए गए। आदेश मिलते ही dTగ कम्णा रियासत के सेनापति दलपत सिह ने अपनी सेना को दुश्मन पर ट्रट  पड़्ने के लिए निरदेश दिया। जिसके बाद पह् राजस्थानी रणबाकुरो  ९०० सैनिक की रोना दुश्मन को खत्म करने ओर हाडफा पर करजा करने के  लिए आगे की ओर बढी। लेकिन तभी ओप्रेजो को यह मालूम चला  २३ सितंबर १९१८ दुश्मन के पास बद्रूके ओर मशीन गन 6 गवकि जोधपुर  रियासत की सेना पोड्ी पर तलवार ओरभालो से लडने चाली पी। इसी वजह से अग्रेजो ने जोधपुर रियासत की सेना चापस लोटने के आदेश दिया। लेकिन जोधपुर रियासत के सेनापति दलपत सिह ने प्रथम विश्व युद्ध भारत कहा की हमारे यहा चापस लोटने का कोई रिवाज नही ह। हम  इजरायल की आजादी में अहम  ओर भूमिका  रणबीकुरे जो रण भूमि मै उतरने के बाद यातो जीत हासिल करत  पा फिर चीरगति को प्राप्त हो जाते ६।  द्ूसरी  निभाने वाले हाइफा हीरो  ओरपह सेना को दुश्मन पर विजय प्राप्त करने के लिए बदूके, तोपों ओर मशीन गन  सिंहजी मेजर के सामने अपने छाती अडाकर अपनी परम्परागत पुद्घ शेली से दलपत बढ़ी बहादुरी के लद़् रही शी। ढस लद्दारई मै नोपपुर की सेना वे  चलिदान दिवस पर भावपूर्ण श्रद्धाजलि| करीब नो सो सोनिक वीरगति को प्राप्त ढए। पुद्ध का परिणाम ने पुरे विश्व मे कही  एक अमर इतिहास लिख डाला। जो आज तक नहीं देखने को मिला था। चयुकी पह पुद्घ दुनिया के मात्र ऐसा पुढ् थानो की तलवारो ओर बदूर्को के चीच हुआ। लेकिन अतत # विजपश्री राठीद्ो भिली ओीर उन्होने ढाइफा पर कढ्जा कर लिपा  भारतीय वीरों की शौर्य गाथा प्रयम विश्व पुद्ध की जिसमे अप्रेजो की ओर से जोपपुर रियासत  सेना ने भी हिस्सा लिपा। इतिहास मे इस लड़ाई को हाडफा की लडाई के नाम सेजाना जाता ह।हाइफा की लड़ाई २३ सितवर  इस्राइल के पाठ्यक्रम १९१८ को लड़ी गपी। डस लड़्ाई मै राजपूताने की सेना का नेतृत्व  जोपपुर रिपासत के सेनापति " मेणर सिह न किपा उनका  48 7u7 यह युद्ध जन्म वर्तमान पाली जिले के देवली गोव मे रावणा राजपूत परिवार  मे हुआ था। अग्रेजो ने जोधपुर रिपासत की सेना को हाडफा पर  नोपपुर  करने के आदेश दिए गए। आदेश मिलते ही dTగ कम्णा रियासत के सेनापति दलपत सिह ने अपनी सेना को दुश्मन पर ट्रट  पड़्ने के लिए निरदेश दिया। जिसके बाद पह् राजस्थानी रणबाकुरो  ९०० सैनिक की रोना दुश्मन को खत्म करने ओर हाडफा पर करजा करने के  लिए आगे की ओर बढी। लेकिन तभी ओप्रेजो को यह मालूम चला  २३ सितंबर १९१८ दुश्मन के पास बद्रूके ओर मशीन गन 6 गवकि जोधपुर  रियासत की सेना पोड्ी पर तलवार ओरभालो से लडने चाली पी। इसी वजह से अग्रेजो ने जोधपुर रियासत की सेना चापस लोटने के आदेश दिया। लेकिन जोधपुर रियासत के सेनापति दलपत सिह ने प्रथम विश्व युद्ध भारत कहा की हमारे यहा चापस लोटने का कोई रिवाज नही ह। हम  इजरायल की आजादी में अहम  ओर भूमिका  रणबीकुरे जो रण भूमि मै उतरने के बाद यातो जीत हासिल करत  पा फिर चीरगति को प्राप्त हो जाते ६।  द्ूसरी  निभाने वाले हाइफा हीरो  ओरपह सेना को दुश्मन पर विजय प्राप्त करने के लिए बदूके, तोपों ओर मशीन गन  सिंहजी मेजर के सामने अपने छाती अडाकर अपनी परम्परागत पुद्घ शेली से दलपत बढ़ी बहादुरी के लद़् रही शी। ढस लद्दारई मै नोपपुर की सेना वे  चलिदान दिवस पर भावपूर्ण श्रद्धाजलि| करीब नो सो सोनिक वीरगति को प्राप्त ढए। पुद्ध का परिणाम ने पुरे विश्व मे कही  एक अमर इतिहास लिख डाला। जो आज तक नहीं देखने को मिला था। चयुकी पह पुद्घ दुनिया के मात्र ऐसा पुढ् थानो की तलवारो ओर बदूर्को के चीच हुआ। लेकिन अतत # विजपश्री राठीद्ो भिली ओीर उन्होने ढाइफा पर कढ्जा कर लिपा - ShareChat

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