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#गुलजार शायरी
गुलजार शायरी - "खत्म हो रही है नादानियां मेरी मैं समझदार बन रहा हूं . कुछ न मिलने पर रोता था अब सब कुछ खो कर हंस रहा हू...!!' "खत्म हो रही है नादानियां मेरी मैं समझदार बन रहा हूं . कुछ न मिलने पर रोता था अब सब कुछ खो कर हंस रहा हू...!!' - ShareChat

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