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छोटे पर जानलेवा — प्रोटोज़ोआ की अनकही दुनिया 🦠: एक-एक सेल के microscopic जीव कभी-कभी malaria जैसे रोगों से लेकर बिल्ली-सम्बन्धी Toxoplasma और यहाँ तक कि "brain-eating" amoeba तक बड़े असर करते हैं; वैज्ञानिक रूप से 'protozoa' अब एक पारंपरिक और paraphyletic समूह माना जाता है—यानी ये कई अलग-अलग evolutionary शाखाओं से आते हैं और उन्हें अलग-अलग eukaryotic समूहों में रखा जाता है। अधिकांश प्रोटोज़ोआ के पास rigid cell-wall नहीं होती; उनकी shape और movement pellicle, lorica या scales जैसी संरचनाओं पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, Toxoplasma gondii बहुत व्यापक है—serological studies के अनुसार अनुमानित रूप से विश्व जनसंख्या के कई हिस्सों में ~50% तक exposure मिली पाई गयी है, इसलिए गर्भवती और immunocompromised लोगों के लिए खास सावधानी जरूरी है। हाल की खबरों में Naegleria fowleri के मामले और Kerala में amoebic meningoencephalitis की detection के लिए water-testing facility की शुरुआत दिखाती है कि पानी-स्रोत surveillance और जल्दी-परीक्षण कितना महत्वपूर्ण है। वैज्ञानिक विश्लेषण यह बताता है कि climate change और पानी-प्रबंधन जैसे environmental परिवर्तन waterborne protozoa के फैलाव और incidence को बदल सकते हैं—इसीलिए targeted surveillance, जल-सुरक्षा और research पर जोर देना जरूरी है। "एक-एक सेल में भी जीवन की बड़े-बड़े असर की कहानी होती है" — इसे समझकर ही हम समुचित prevention नीति और जागरूकता बना सकते हैं। #प्रोटोज़ोआ #Microbiology #माइक्रोवर्ल्ड 🧬🔬 #Toxoplasma #Naegleria #विज्ञान #WaterSafety आप अगली post किस पर बनी देखना चाहते हैं comment करें #✈Last travel memories😎
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