ShareChat
click to see wallet page
यह संसार समझदा नाहीं........... रोवोगे इस पहरे नूं।। #sat saheb ji
sat saheb ji - रदारगान यह संसार समझदा नाहीं , कहंदा शाम दुपहरे नूँ। गरीबदास यह वक्त जात है, रोवोगे इस पहरे नूँ।। भावार्थः- आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव में परमात्मा के विधान से अपरिचित होने के कारण यह प्राणी इस दुःखों के घर संसार में महान कष्ट झेल रहा है और इसी को सुख स्थान मान रहा है। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज Satlok Ashram Indore wwwJagatgururampaljiorg SatlokIndore रदारगान यह संसार समझदा नाहीं , कहंदा शाम दुपहरे नूँ। गरीबदास यह वक्त जात है, रोवोगे इस पहरे नूँ।। भावार्थः- आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव में परमात्मा के विधान से अपरिचित होने के कारण यह प्राणी इस दुःखों के घर संसार में महान कष्ट झेल रहा है और इसी को सुख स्थान मान रहा है। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज Satlok Ashram Indore wwwJagatgururampaljiorg SatlokIndore - ShareChat

More like this