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#satnam waheguru
satnam waheguru - Hukmnama 20/11/25 धन धन श्री गुरु रामदास जी 602 सतिगुर मिलिऐ उलटी भई सोरठि मः ३ दुतुके I सो गुरू सो सिखु है भाई जीवत मरै ता बूझ पाइ II তিষত కlగేt silfn RHIక II?II 913 अर्थः हे भाई! अगर गुरु मिल जाए, तो मनुष्य आत्मिक जीवन की समझ हासिल कर लेता है, मनुष्य की तवज्जो विकारों से हट जाती है, दुनिया के कार्यन्व्यवहार करता हुआ भी मनुष्य विकारों से अछूता हो जाता है। हे भाई! जिस मनुष्य की आत्मा को गुरु परमात्मा में मिला देता है, वह (असल) में सिख बन जाता है।१ | मन रे हरि हरि सेती लिव लाइ II मन हरि जपि मीठा लागै भाई गुरमुखि पाए हरि थाइ II रहाउ।I अर्थः हे मन! सदा परमात्मा के साथ तवज्जो जोडे रख। हे मन! बार बार जप-्जप के परमात्मा प्यारा लगने लग जाता है। हे भाई! गुरु की शरण पड़ने वाले मनुष्य प्रभु के दरबार में स्थान पा लेते हैं। रहाउ। Hukmnama 20/11/25 धन धन श्री गुरु रामदास जी 602 सतिगुर मिलिऐ उलटी भई सोरठि मः ३ दुतुके I सो गुरू सो सिखु है भाई जीवत मरै ता बूझ पाइ II তিষত కlగేt silfn RHIక II?II 913 अर्थः हे भाई! अगर गुरु मिल जाए, तो मनुष्य आत्मिक जीवन की समझ हासिल कर लेता है, मनुष्य की तवज्जो विकारों से हट जाती है, दुनिया के कार्यन्व्यवहार करता हुआ भी मनुष्य विकारों से अछूता हो जाता है। हे भाई! जिस मनुष्य की आत्मा को गुरु परमात्मा में मिला देता है, वह (असल) में सिख बन जाता है।१ | मन रे हरि हरि सेती लिव लाइ II मन हरि जपि मीठा लागै भाई गुरमुखि पाए हरि थाइ II रहाउ।I अर्थः हे मन! सदा परमात्मा के साथ तवज्जो जोडे रख। हे मन! बार बार जप-्जप के परमात्मा प्यारा लगने लग जाता है। हे भाई! गुरु की शरण पड़ने वाले मनुष्य प्रभु के दरबार में स्थान पा लेते हैं। रहाउ। - ShareChat

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