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#चांगले विचार 💕 #आम्ही शिवकन्या🚩
चांगले विचार 💕 - 3:16 @ 73%/ LrEi शब्दाका शक्त कन्यादान का महत्व राजा दशरथ जब अपने चारों बेटों की बारात लेकर राजा जनक के द्वार पर पहुंचे तो राजा जनक ने सम्मानपूर्वक किया, बारात का स्वागत तभी दशरथ जी ने आगे बढ़कर जनक जी के चरण छू लिए, चौंककर जनक जी ने दशरथ जी को लिया और कहा महाराज आप थाम बड़े है वरपक्ष वाले है ये उलटी गंगा कैसे बह रही है, इस पर दशरथ जी ने बड़ी सुन्दर बात कही, महाराज आप दाता है, कन्यादान कर रहे है, मैं तो याचक हूँ आपके द्वारा कन्या लेने हूँ, अब आप ही बताएं आया दाता और याचक में कौन बड़ा है? यह सुनकर जनक जी के नेत्रों से अश्रुधारा निकली , भाग्यशाली है बह वो जिनके घर होती है बेटियां, हर बेटी के भाग्य में पिता होता है, लेकिन हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती। शब्दों की शक्ती 3:16 @ 73%/ LrEi शब्दाका शक्त कन्यादान का महत्व राजा दशरथ जब अपने चारों बेटों की बारात लेकर राजा जनक के द्वार पर पहुंचे तो राजा जनक ने सम्मानपूर्वक किया, बारात का स्वागत तभी दशरथ जी ने आगे बढ़कर जनक जी के चरण छू लिए, चौंककर जनक जी ने दशरथ जी को लिया और कहा महाराज आप थाम बड़े है वरपक्ष वाले है ये उलटी गंगा कैसे बह रही है, इस पर दशरथ जी ने बड़ी सुन्दर बात कही, महाराज आप दाता है, कन्यादान कर रहे है, मैं तो याचक हूँ आपके द्वारा कन्या लेने हूँ, अब आप ही बताएं आया दाता और याचक में कौन बड़ा है? यह सुनकर जनक जी के नेत्रों से अश्रुधारा निकली , भाग्यशाली है बह वो जिनके घर होती है बेटियां, हर बेटी के भाग्य में पिता होता है, लेकिन हर पिता के भाग्य में बेटी नहीं होती। शब्दों की शक्ती - ShareChat

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