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#🎤 महफिल ए शायरी #Gulzar ki shyari #guljar ki shayari #✒ गुलज़ार की शायरी 🖤
🎤 महफिल ए शायरी - इतना मत तरसा की मुझें अपने फ़ैसले पर अफ़सोस हो॰ कल तु बात करना चाहें और हम ख़ामोश हो...!! Shayarl gulzar इतना मत तरसा की मुझें अपने फ़ैसले पर अफ़सोस हो॰ कल तु बात करना चाहें और हम ख़ामोश हो...!! Shayarl gulzar - ShareChat

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