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https://youtu.be/snZE_gPO5H4?si=y7xjwVeVACJAQxw6 #यथार्थ गीता #🙏गीता ज्ञान🛕 #🙏🏻आध्यात्मिकता😇 #🧘सदगुरु जी🙏 #❤️जीवन की सीख
यथार्थ गीता - हिताय जगत् मोक्षार्थ 11 39 11 >* तत्त्ववित्तु महाबाहो गुणकर्मविभागयोः  आत्मने ५५ गुणा गुणेषु वर्तन्त इति मत्वा न सज्जते II हे महाबाहो ! गुण और कर्म के विभाग को तत्त्ववित् परमतत्त्व परमात्मा की जानकारीवाले ने देखा और सम्पूर्ण  महापुरुषों  aTuT गुण गुणों में बरत रहे हें ऐसा मानकर और कर्मों के कर्त्तापन में आसक्त नहीं होते। यहाँ तत्त्व का अर्थ परमतत्त्व परमात्मा हे॰ न कि पाँच या पचीस तत्त्व जैेसा कि लोग गणना करते हैं। योगेश्वर श्रीकृष्ण के शब्दों में तत्त्व एकमात्र परमात्मा है॰ अन्य कोई तत्त्व हैही नहीं। श्री श्री १००८ श्री स्वामी परमानन्दजी महाराज परमहंसजी ) जन्म : शुभ सम्वत् विक्रम १९६८ ( सन् १९११ ई० ) ज्येष्ठ शुक्ल ७, वि॰सं॰ २०२६, दिनांक २३/०५/१९६९ ई०  महाप्रयाण चित्रकूट  परमहंस आश्रम अनुसुइया , हिताय जगत् मोक्षार्थ 11 39 11 >* तत्त्ववित्तु महाबाहो गुणकर्मविभागयोः  आत्मने ५५ गुणा गुणेषु वर्तन्त इति मत्वा न सज्जते II हे महाबाहो ! गुण और कर्म के विभाग को तत्त्ववित् परमतत्त्व परमात्मा की जानकारीवाले ने देखा और सम्पूर्ण  महापुरुषों  aTuT गुण गुणों में बरत रहे हें ऐसा मानकर और कर्मों के कर्त्तापन में आसक्त नहीं होते। यहाँ तत्त्व का अर्थ परमतत्त्व परमात्मा हे॰ न कि पाँच या पचीस तत्त्व जैेसा कि लोग गणना करते हैं। योगेश्वर श्रीकृष्ण के शब्दों में तत्त्व एकमात्र परमात्मा है॰ अन्य कोई तत्त्व हैही नहीं। श्री श्री १००८ श्री स्वामी परमानन्दजी महाराज परमहंसजी ) जन्म : शुभ सम्वत् विक्रम १९६८ ( सन् १९११ ई० ) ज्येष्ठ शुक्ल ७, वि॰सं॰ २०२६, दिनांक २३/०५/१९६९ ई०  महाप्रयाण चित्रकूट  परमहंस आश्रम अनुसुइया , - ShareChat

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