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#☝ मेरे विचार #👍मोटिवेशनल कोट्स✌ #👉 लोगों के लिए सीख👈 #🙏सुविचार📿 #🙏 प्रेरणादायक विचार
☝ मेरे विचार - 216<" तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है, और तू मेरे गांव को गँवार कहता है ऐ शहर मुझे तेरी औक़ात 8/A पता तू चुल्लू भर पानी को भी वाटर पार्क कहता है / थक गया है हर शख़्स काम करते करते / अमीरी का बाज़ार कहता है। तू इसे गांव चलो वक्त ही वक्त है सबके पास !! तेरी सारी तेरा इतवार कहता है / फुर्सत मौन होकर फोन पर रिश्ते निभाए जा रहे हैं / तू इस मशीनी दौर को परिवार कहता है / जिनकी सेवा में खपा देते थे जीवन सारा, तू उन माँ बाप को अब भार कहता है बड़े-बडे मसले हल करती थी पंचायतें / तु अंधी भ्रष्ट दलीलों को दरबार कहता है / बैठ जाते थे अपने पराये सब बैलगाडी में / पूरा परिवार भी न बैठ पाये उसे तू कार कहता है / अब बच्चे भी बड़ों का अदब भूल बैठे हैं / तू इस नये दौर को संस्कार कहता है साहित्य प्रकाश 216<" तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है, और तू मेरे गांव को गँवार कहता है ऐ शहर मुझे तेरी औक़ात 8/A पता तू चुल्लू भर पानी को भी वाटर पार्क कहता है / थक गया है हर शख़्स काम करते करते / अमीरी का बाज़ार कहता है। तू इसे गांव चलो वक्त ही वक्त है सबके पास !! तेरी सारी तेरा इतवार कहता है / फुर्सत मौन होकर फोन पर रिश्ते निभाए जा रहे हैं / तू इस मशीनी दौर को परिवार कहता है / जिनकी सेवा में खपा देते थे जीवन सारा, तू उन माँ बाप को अब भार कहता है बड़े-बडे मसले हल करती थी पंचायतें / तु अंधी भ्रष्ट दलीलों को दरबार कहता है / बैठ जाते थे अपने पराये सब बैलगाडी में / पूरा परिवार भी न बैठ पाये उसे तू कार कहता है / अब बच्चे भी बड़ों का अदब भूल बैठे हैं / तू इस नये दौर को संस्कार कहता है साहित्य प्रकाश - ShareChat

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