सन्तापाद् भ्रश्यते रुपं सन्तापाद् भ्रश्यते बलम् ।
सन्तापाद् भ्रश्यते ज्ञानं सन्तापाद् व्याधिमृच्छति॥
अर्थात 👉🏻 शोक करने से रूप-सौंदर्य नष्ट होता है , शोक करने से पौरुष नष्ट होता है , शोक करने से ज्ञान नष्ट होता है और शोक करने से मनुष्य का शरीर दुःखो का घर हो जाता है , अतः शोक करना त्याज्य है ।
🌄🌄 प्रभातवंदन 🌄🌄
#☝अनमोल ज्ञान #🙏सुविचार📿

