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krishna❤ #geeta #bhagwatgeeta #gyan - गता अध्याय 4 का श्लोक ३४ तत् विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानम् ज्ञानिनः तत्त्वदर्शिनः। ३४१| 33 अनुवादः पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि॰ उपरोक्त नाना प्रकार की साधना तो मनमाना आचरण  है। मेरे तक की साधना की अटकल लगाया ज्ञान है परन्तु पूर्ण परमात्मा के पूर्ण मोक्ष मार्ग का मुझे भी ज्ञान नहीं है। उसके लिए इस मंत्र ३४ में कहा है कि उस  (तत्) तत्वज्ञान को (विद्धि) समझ उन पूर्ण परमात्मा के वास्तविक ज्ञान व समाधान को जानने वाले संर्तों को गीता अध्याय श्लोक ३४ में गीता 4 (प्रणिपातेन) भलीभाति दण्डवत् प्रणाम करनेसे उनकी ज्ञानदाता ने कहा है कि तत्वज्ञान (सेवया ) सेवा करनेसे और कपट छोड़कर ( परिप्रश्नेन) सरलतापूर्वक प्रश्न करनेसे (त) वे (तत्वदर्शिनः ) पूर्ण ब्रह्म की प्राप्ति के लिए तत्वदर्शी संत की को तत्व से जानने वाले अर्थात् तत्वदर्शी (ज्ञानिनः) ज्ञानी यानि बिना गुरु के शरण में जाओ महात्मा तुझे उस ( ज्ञानम्) तत्वज्ञानका (उपदेक्ष्यन्ति) उपदेश करेंगे। (३४) का प्रमाण गीता अध्याय 2 इसी ज्ञान और भक्ति अधूरी है। श्लोक १५ १६ में भी है। तत्वदर्शी संत , सतगुक रामपाल जी मठानाज Sant Rampal Ji Maharaj Sant Rampal Ji Maharaj संत रामपाल जी महाराज जी से App Download #గగ য নিঃথুল্ক  নিঃথুল্ক নাসনীঃা  n @Sain RampalJiMahara +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : Coocefsy 227M subscrlbers T7r videos गता अध्याय 4 का श्लोक ३४ तत् विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानम् ज्ञानिनः तत्त्वदर्शिनः। ३४१| 33 अनुवादः पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि॰ उपरोक्त नाना प्रकार की साधना तो मनमाना आचरण  है। मेरे तक की साधना की अटकल लगाया ज्ञान है परन्तु पूर्ण परमात्मा के पूर्ण मोक्ष मार्ग का मुझे भी ज्ञान नहीं है। उसके लिए इस मंत्र ३४ में कहा है कि उस  (तत्) तत्वज्ञान को (विद्धि) समझ उन पूर्ण परमात्मा के वास्तविक ज्ञान व समाधान को जानने वाले संर्तों को गीता अध्याय श्लोक ३४ में गीता 4 (प्रणिपातेन) भलीभाति दण्डवत् प्रणाम करनेसे उनकी ज्ञानदाता ने कहा है कि तत्वज्ञान (सेवया ) सेवा करनेसे और कपट छोड़कर ( परिप्रश्नेन) सरलतापूर्वक प्रश्न करनेसे (त) वे (तत्वदर्शिनः ) पूर्ण ब्रह्म की प्राप्ति के लिए तत्वदर्शी संत की को तत्व से जानने वाले अर्थात् तत्वदर्शी (ज्ञानिनः) ज्ञानी यानि बिना गुरु के शरण में जाओ महात्मा तुझे उस ( ज्ञानम्) तत्वज्ञानका (उपदेक्ष्यन्ति) उपदेश करेंगे। (३४) का प्रमाण गीता अध्याय 2 इसी ज्ञान और भक्ति अधूरी है। श्लोक १५ १६ में भी है। तत्वदर्शी संत , सतगुक रामपाल जी मठानाज Sant Rampal Ji Maharaj Sant Rampal Ji Maharaj संत रामपाल जी महाराज जी से App Download #గగ য নিঃথুল্ক  নিঃথুল্ক নাসনীঃা  n @Sain RampalJiMahara +91 7496801823 पुस्तक प्राप्त करने के लिये संपर्क सूत्र : Coocefsy 227M subscrlbers T7r videos - ShareChat

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