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#कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान और गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं 🙏 #🌹कार्तिक माह में अहोई अष्टमी स्नान 🌺 #तुलसी 🌱🌱 पूजन और कार्तिक स्नान #देव दीपावली, ओर कार्तिक पूर्णिमा स्नान की हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏 #कार्तिक स्नान की हार्दिक बधाई🎉🎊 🌺🌺
कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान और गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं 🙏 - दो सास बहु थीं। कार्तिक " নী নীলী-'ম मास आया सास कार्तिक स्नान के लिए तीर्थ जाना चाहती   हूँ।' बोली- मैं   भी बहु चलूँगी।' सास बोली - तू अभी छोटी है। अभी मुझे जाने दे। सास तीर्थ गई तो बहु कुम्हार के से तैंतीस ले आई। रोज एक कुण्डा भर कर रखती। उधर गंगा में सास कुण्डे जी की नथ गिर गई। बहु कुण्डे में नहाती हुई बोली - सासू नहावें उण्डे में , मैं नहाऊँ कुण्डे में। इतने में गंगा की धारा कुण्डे में आ गई। साथ में सासजी की नथ भी आ गई बहु ने नथ पहचान ली और अपने नाक में पहन ली। महिना पूरा हुआ सासजी आयीं बहु सामने बोली- तू यह कहाँ से लाई।' तो बहु आयी तो सास नथ देख बोली - यह तो मेरे कुण्डे में गंगा की धारा के साथ आ गई।' अब सास बोली मुझे ब्राह्मण भोज कराना है। बहु बोली- माताजी ! दो ब्राह्मण मेरे भी जिमा दो। मैंने भी कार्तिक स्नान किया है।' 'तूने कहाँ कार्तिक स्नान किया ? तो बहु बोली - ऊपर चलो मैं आपको बताती हूँ।' ऊपर गये तो देखा सारे कुण्डे सोने के हो गये। बहु बोली मैं रोज कुण्डा भर कर रखती और सुबह जल्दी उठकर नहाती और के रख देती। तब सासुजी बोली - ' बहु तू बहुत भाग्यवान है उल्टा कर जो साक्षात् गंगाजी तेरे पास आईं। तूने श्रद्धा और विश्वास से कार्तिक स्नान किया तो भगवान ने तुझे फल दिया।' दोनों सास बहु ने धूमधाम से ब्राह्मण जिमाकर दक्षिणा देकर विदा किया। दो सास बहु थीं। कार्तिक নী নীলী-'ম मास आया सास कार्तिक स्नान के लिए तीर्थ जाना चाहती   हूँ।' बोली- मैं   भी बहु चलूँगी।' सास बोली - तू अभी छोटी है। अभी मुझे जाने दे। सास तीर्थ गई तो बहु कुम्हार के से तैंतीस ले आई। रोज एक कुण्डा भर कर रखती। उधर गंगा में सास कुण्डे जी की नथ गिर गई। बहु कुण्डे में नहाती हुई बोली - सासू नहावें उण्डे में , मैं नहाऊँ कुण्डे में। इतने में गंगा की धारा कुण्डे में आ गई। साथ में सासजी की नथ भी आ गई बहु ने नथ पहचान ली और अपने नाक में पहन ली। महिना पूरा हुआ सासजी आयीं बहु सामने बोली- तू यह कहाँ से लाई।' तो बहु आयी तो सास नथ देख बोली - यह तो मेरे कुण्डे में गंगा की धारा के साथ आ गई।' अब सास बोली मुझे ब्राह्मण भोज कराना है। बहु बोली- माताजी ! दो ब्राह्मण मेरे भी जिमा दो। मैंने भी कार्तिक स्नान किया है।' 'तूने कहाँ कार्तिक स्नान किया ? तो बहु बोली - ऊपर चलो मैं आपको बताती हूँ।' ऊपर गये तो देखा सारे कुण्डे सोने के हो गये। बहु बोली मैं रोज कुण्डा भर कर रखती और सुबह जल्दी उठकर नहाती और के रख देती। तब सासुजी बोली - ' बहु तू बहुत भाग्यवान है उल्टा कर जो साक्षात् गंगाजी तेरे पास आईं। तूने श्रद्धा और विश्वास से कार्तिक स्नान किया तो भगवान ने तुझे फल दिया।' दोनों सास बहु ने धूमधाम से ब्राह्मण जिमाकर दक्षिणा देकर विदा किया। - ShareChat

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