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#CHATA
CHATA - छाते से बाहर ढेर सारी धूप थी धूप सिर पर आने से रुक गई थी छाता भर तेज़ हवा को छाता अपने-भर रोक पाता था बारिश में इतने सारे छाते थे कि लगता था कि लोग घर बैठे हैं और छाते ही सड़क पर चल रहे हैं अगर धूप , तेज़ हवा और बारिश न हो तो किसी को याद नहीं रहता कि छाते कहाँ दुबके पडे़ हैं छाते से बाहर ढेर सारी धूप थी धूप सिर पर आने से रुक गई थी छाता भर तेज़ हवा को छाता अपने-भर रोक पाता था बारिश में इतने सारे छाते थे कि लगता था कि लोग घर बैठे हैं और छाते ही सड़क पर चल रहे हैं अगर धूप , तेज़ हवा और बारिश न हो तो किसी को याद नहीं रहता कि छाते कहाँ दुबके पडे़ हैं - ShareChat

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