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knowledge - चुनौती है। परमाणु-्सक्षम मिसाइलों  युद्ध और  श्रीलंका में हिंदी पढ़ने से बढ़ रहे रोजगार के अवसर डॉ॰ उपुल रंजित हेगजवतानगमगे  चेयर वरिष्ठ प्रेफेसर हिंदी विभाग  अष्ययन कॅलणिय विष्वविद्यालय ( हा रहे हे। विशेषतः हिंदी सिंहली का 91 লন্ধা   স हिंदी अध्ययन और अध्यापन का इतिहास अनुवाद क्षेत्र पर्याप्त विकसित हुआ।  इस विभाग में हिंदी के एक चेयर दशक   पुराना है। यहां लगभग वरिष्ठ प्रोफेसर , एक वरिष्ठ प्रोफेसर  शिक्षा সনঘী गतिविधियों प्राच्य एक प्रोफेसर , तीन वरिष्ठ प्राध्यापक को प्रोत्साहन देने के लिए प्राचीन orinon भाषोपकार समिति को स्थापना को गई प्राध्यापक ओर कई एक सहायक जूनियर फेलो है। ये सभी सिंहलीभापी थी। साधारण पाठशालाओं से लेकर विश्वविद्यालयों पिरिवेनो, आयर्वेदिक है। श्री जयवर्धनपुर और सबरगमुव विश्वविद्यालय के हिंदी विभागों मे हिँदी संस्थाना तक के स्तरों पर हिंदी का के दो प्रोफेसर हैं। इसके अतिरक्ति अध्ययन अध्यापन होने लगा। विश्व विश्वविद्यालय   रुहुण  ಸೆ೯4 की खुली आर्थिक नीति की बदौलत कला कोलंबो, रजरट, मोरटुव विक्क्रमारच्चि बाजार की भाषाओं में हिंदी को एक देशी चिकित्सा, मुक्त विश्वविद्यालय नया महत्व मिलने लगा है। श्रीलंका तथा कुछ सरकारी पाठशालाओं मे में भी हिंदी पढ़ने वालों के लिए इस  J भी हिंदी शिक्षण दिया जाता है। भारत तरह के टेली बाजार में नौकरियां में चेन्नई स्थित दक्षिण भारत हिंदी मिलने की संभावना बहुत बढ़ रही हे। ম प्रचार सभा ओर वर्धा स्थित राष्ट्र विद्यालंकार विश्वविद्यालय ( वर्तमान  प्रचार समिति द्वारा संचालित में कॅलणिय विश्वविद्यालय ) में १९५९ भाषा हिंदी परीक्षाओं में बैठने का अवसर  में हिंदी विभाग की स्थापना की गई श्रीलंका के विद्यार्थियां को दिया जाने थी। यहां हिंदी अध्ययन अध्यापन का लगा।   इसी दौरान रेडियो   सिलोन श्रीगणेश हिंदी के प्रोफेसर के रूप में ( राष्ट्रीय   रेडियो ) पर   हिंदी भिक्षु  आनंद कौसल्यायन थेरो और যান प्रसारित होने लगे। हिंदी फिल्मों का ননসান স विद्योदय विश्वविद्यालय  प्रदर्शन देश भर के सिनेमाघरों में होने श्री जयवर्धनपुर विश्वविद्यालय ) मे लगा। हिंदी के प्रति श्रीलंकावासियों के गलगदर प्रज्ञानंद थेरो ने किया। ಗಚ್ರ अनुराग का पता इसी बात से लगाया  कॅलणिय विश्वविद्यालय में १९१५ में जा सकता है॰कि कई सिनेमाघरों में पूर्ण हिंदी अध्ययन विभाग की स्थापना  की गई। श्रीलंका में इस एकमात्र पूर्ण कुछ हिंदी फिल्में दो सेचार वर्ष तक हिंदी अध्ययन विभाग में शोधकार्य भी॰ लगातार प्रदर्शित की गई। चुनौती है। परमाणु-्सक्षम मिसाइलों  युद्ध और  श्रीलंका में हिंदी पढ़ने से बढ़ रहे रोजगार के अवसर डॉ॰ उपुल रंजित हेगजवतानगमगे  चेयर वरिष्ठ प्रेफेसर हिंदी विभाग  अष्ययन कॅलणिय विष्वविद्यालय ( हा रहे हे। विशेषतः हिंदी सिंहली का 91 লন্ধা   স हिंदी अध्ययन और अध्यापन का इतिहास अनुवाद क्षेत्र पर्याप्त विकसित हुआ।  इस विभाग में हिंदी के एक चेयर दशक   पुराना है। यहां लगभग वरिष्ठ प्रोफेसर , एक वरिष्ठ प्रोफेसर  शिक्षा সনঘী गतिविधियों प्राच्य एक प्रोफेसर , तीन वरिष्ठ प्राध्यापक को प्रोत्साहन देने के लिए प्राचीन orinon भाषोपकार समिति को स्थापना को गई प्राध्यापक ओर कई एक सहायक जूनियर फेलो है। ये सभी सिंहलीभापी थी। साधारण पाठशालाओं से लेकर विश्वविद्यालयों पिरिवेनो, आयर्वेदिक है। श्री जयवर्धनपुर और सबरगमुव विश्वविद्यालय के हिंदी विभागों मे हिँदी संस्थाना तक के स्तरों पर हिंदी का के दो प्रोफेसर हैं। इसके अतिरक्ति अध्ययन अध्यापन होने लगा। विश्व विश्वविद्यालय   रुहुण  ಸೆ೯4 की खुली आर्थिक नीति की बदौलत कला कोलंबो, रजरट, मोरटुव विक्क्रमारच्चि बाजार की भाषाओं में हिंदी को एक देशी चिकित्सा, मुक्त विश्वविद्यालय नया महत्व मिलने लगा है। श्रीलंका तथा कुछ सरकारी पाठशालाओं मे में भी हिंदी पढ़ने वालों के लिए इस  J भी हिंदी शिक्षण दिया जाता है। भारत तरह के टेली बाजार में नौकरियां में चेन्नई स्थित दक्षिण भारत हिंदी मिलने की संभावना बहुत बढ़ रही हे। ম प्रचार सभा ओर वर्धा स्थित राष्ट्र विद्यालंकार विश्वविद्यालय ( वर्तमान  प्रचार समिति द्वारा संचालित में कॅलणिय विश्वविद्यालय ) में १९५९ भाषा हिंदी परीक्षाओं में बैठने का अवसर  में हिंदी विभाग की स्थापना की गई श्रीलंका के विद्यार्थियां को दिया जाने थी। यहां हिंदी अध्ययन अध्यापन का लगा।   इसी दौरान रेडियो   सिलोन श्रीगणेश हिंदी के प्रोफेसर के रूप में ( राष्ट्रीय   रेडियो ) पर   हिंदी भिक्षु  आनंद कौसल्यायन थेरो और যান प्रसारित होने लगे। हिंदी फिल्मों का ননসান স विद्योदय विश्वविद्यालय  प्रदर्शन देश भर के सिनेमाघरों में होने श्री जयवर्धनपुर विश्वविद्यालय ) मे लगा। हिंदी के प्रति श्रीलंकावासियों के गलगदर प्रज्ञानंद थेरो ने किया। ಗಚ್ರ अनुराग का पता इसी बात से लगाया  कॅलणिय विश्वविद्यालय में १९१५ में जा सकता है॰कि कई सिनेमाघरों में पूर्ण हिंदी अध्ययन विभाग की स्थापना  की गई। श्रीलंका में इस एकमात्र पूर्ण कुछ हिंदी फिल्में दो सेचार वर्ष तक हिंदी अध्ययन विभाग में शोधकार्य भी॰ लगातार प्रदर्शित की गई। - ShareChat

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