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#प्रेम की सच्चाई की बोलियां ही गायब हैंप्रेम की सच्चाई की बोलियां ही गायब हैं
प्रेम की सच्चाई की बोलियां ही गायब हैंप्रेम की सच्चाई की बोलियां ही गायब हैं - प्रेम की सच्चाई की बोलियां ही गायब हैं आदमी के अंदर से बिजलियां ही गायब हैं साबजी पधारे थे सैर को गुलिस्तां की तब से इस चमन की सब तितलियां ही गायब हैं हाथ क्या मिलाया था दिल ही दे दिया था उन्हें हाथ अपने देखे तो उंगलियां ही गायब हैं यूं ही गर्भ पे जो चली आपकी ये मनमानी कल जहां से देखोगे लडकियां ही गा़यब हैं वे भले प़डोसी थे, आए थे नहाने को बाथरूम की तब से टौंटियां ही गायब हैं चीर को हरण कैसे अब करोगे दुशासन जींस में हैं पांचाली , साडयां ही गायब हैं होटलों में खाते हैं वे चिकिनओबिरयानी और कितने हाथों से रोटियां ही गायब हैं। प्रेम की सच्चाई की बोलियां ही गायब हैं आदमी के अंदर से बिजलियां ही गायब हैं साबजी पधारे थे सैर को गुलिस्तां की तब से इस चमन की सब तितलियां ही गायब हैं हाथ क्या मिलाया था दिल ही दे दिया था उन्हें हाथ अपने देखे तो उंगलियां ही गायब हैं यूं ही गर्भ पे जो चली आपकी ये मनमानी कल जहां से देखोगे लडकियां ही गा़यब हैं वे भले प़डोसी थे, आए थे नहाने को बाथरूम की तब से टौंटियां ही गायब हैं चीर को हरण कैसे अब करोगे दुशासन जींस में हैं पांचाली , साडयां ही गायब हैं होटलों में खाते हैं वे चिकिनओबिरयानी और कितने हाथों से रोटियां ही गायब हैं। - ShareChat

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