#ek achhi sikh
मैं दुकान पर कपड़े धोने का साबुन लेने गया तो एक भाई साहब आये और दुकान वाले से बोले- भैया 50 पैकेट कुरकुरे , 50 पैकेट चिप्स और 50 पैकेट जीरा पापड़ के मांगे....
और पेमेंट करने के लिए अपना आईफोन निकाल रहे थे कि तभी मैंने आईफोन की तरफ देखते हुए पूछा भाई साहब कोई दुकान चलाते हो क्या आप?
उन्होंने बड़े ताज्जुब से मेरी तरफ देखा और थोड़ा बेरुखे अंदाज में बोले, तुम्हें मैं दुकान चलाने वाला लगता हूँ क्या ?
मैंने कहा भाई साहब आप इतने सारे पैकेट्स खरीद रहे हो न इसलिए पूछा....
तो वो थोड़े सामान्य लहजे में बोले, अरे ये तो अपने बच्चे के लिये लेकर जा रहा हूँ, उसे बहुत पसन्द है। अब सरकारी नौकरी में होकर भी अपने बच्चों को खाने की चीज के लिए मोहताज रखें तो फिर क्या फायदा नौकरी का.....?
मैंने मुस्कुराते हुए पूछा, कितने बच्चे हैं आपके?
तो भाई साहब ने बड़ी खुशी के साथ जवाब दिया बस एक ही लड़का है 3 साल का....
मैंने उनसे कुछ न कहा और दुकान वाले से बोला, भैया एक काम किया करो, आप एक जहर की गोली भी रखा करो। अगर किसी का औलाद से मन भर जाए तो कम से कम इस तरह का कचरा खिलाकर तो न मारे....सीधा एक गोली में काम खत्म।
उन भाई साहब को मेरी बात जहर जैसी लगी... गुस्से में।बोले, ये क्या बकवास कर रहे हो आप, मैं अपने बच्चे से बहुत प्यार करता हूँ....
मैंने उनकी तरफ देखते हुए जवाब दिया, मैंने कब कहा कि आप नही करते, मैंने तो जो देखा उस हिसाब से कह रहा हूँ, आप एक 3 साल के बच्चे को ये सब गंदगी खिला रहे हो तो आपका प्यार दिख रहा है....
आप खिलाना ही चाहते हो तो अच्छी चीजें खिलाओ, फ्रूट्स खिलाओ....
तभी दुकान वाले ने भी मेरी हां में हाँ मिलाते हुए कहा बिल्कुल सही कह रहे हो सर... मैं खुद का नुकसान नही करता लेकिन एक 3 साल के बच्चे को ये सब इतनी मात्रा में खिलाना सही नहीं।
वो भाई साहब बिना कुछ बोले नीची गर्दन किये चुपचाप सामने लगे हुए सेब के ठेले पर चले गए।
तभी दुकानदार ने ये सब चीजें समेटते हुए मुझसे पूछा क्या लोगे सर?
मैंने कहा कपड़े धोने का साबुन...
पास ही खड़े एक आदमी ने कहा अरे पंडित जी आपने तो बिना साबुन धो दिया🤣🤣